प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, अशासकीय एवं वित्तविहीन कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को आर्थिक लाभ मिलेगा। इसके लिए शिक्षक कल्याण कोष का गठन कर दिया गया है। लेकिन इस लाभ को पाने के लिए वित्तविहीन कॉलेज के शिक्षकों को पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करना होगा। प्रो. अखिलेश कुमार सिंह, कुलपति, पीआरएसयू
- उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 संशोधित उत्तर माला के संबंध में आदेश जारी।
- 'स्थानांतरण व तैनाती नियमित प्रक्रिया, इससे न हों विचलित': बीएसए
- पुरानी पेंशन की बहाली के लिए सांसदों को भेजेंगे ज्ञापन
- नई भर्ती के रिक्त पदों पर समायोजन विज्ञापन में घट सकती है पदों की संख्या
- सिर्फ सीयूईटी के स्कोर का इस्तेमाल करें केंद्रीय विश्वविद्यालय: यूजीसी
- गणित, विज्ञान का फर्जी पर्चा वायरल करने पर मुकदमा, 6742 विद्यार्थियों ने छोड़ा हाईस्कूल अंग्रेजी का इिम्तहान
प्रयागराज । प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय, अशासकीय एवं वित्तविहीन कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। अब शिक्षकों को इलाज के लिए विश्वविद्यालय 2.5 लाख रुपये की मदद करेगा। इसके लिए पहली बार शिक्षक कल्याण कोष का गठन कर दिया गया है। यह व्यवस्था नए शैक्षिक सत्र 2022-23 में प्रभावी रहेगी। इस आशय का नोटिफिकेशन रजिस्ट्रार एसके शुक्ल ने जारी कर दिया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि शिक्षक कल्याण कोष की बैठक प्रत्येक छह माह में एक बार अनिवार्य रूप से होगी।
- शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच 17 सालों से लटकी, क्या है शिक्षकों की भर्ती का नियम
- परीक्षा ड्यूटी से कतराने वाले शिक्षक होंगे कार्यमुक्त
- TGT-PGT: चयन बोर्ड ने डीआइओएस को लौटाए समायोजन प्रस्ताव
- चयन बोर्ड की उपलब्धियों पर टीजीटी जीवविज्ञान-2011 का ‘दाग’
- UPSSSC 100 दिन में विभिन्न विभागों में 21570 पदों पर भर्ती के लिए कराएगा परीक्षा
- UPTET 2021 : कल आएगा परिणाम, आज जारी होगी संशोधित उत्तरमाला
- माध्यमिक शिक्षा विभाग में भर्ती घोटाला, मूल अभिलेख तलब
शिक्षक कल्याण कोष का लाभ विश्वविद्यालय शिक्षक के अलावा संबद्ध अशासकीय, वित्तविहीन कॉलेजों में नियमित शिक्षकों को भी मिलेगा। बशर्ते वित्तविहीन कॉलेज के शिक्षकों का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका हो।
शिक्षकों की सेवा अवधि में दुर्घटना होने पर उपचार के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता की जाएगी। इस कोष के तहत शिक्षकों के असाध्य रोगों के उपचार के लिए 2.50 लाख रुपये सीधे उनके खाते में आरटीजीएस के जरिए भेजा जाएगा। साथ ही आकस्मिक निधन पर तीन लाख रुपये उनके परिजनों को प्रदान किए जाएंगे।